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Monday 22 January 2024

राम मंदिर के मुख्य पुझारी कोन है

राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा तो हो गई है लेकिन क्या आपको मालूम है जिस राम मंदिर को लेकर पूरी दुनिया में है। उसके पुजारी कौन है, उनकी उम्र कितनी है और क्यों उन्हें अयोध्या राम मंदिर का पुजारी चुना गया। ज्यादा तो आप ही जान कर हैरान हो जाएंगे कि 22 वर्षीय पंडित मोहित पांडे गोरा मंदिर का पुजारी बनाया गया है।

राम मंदिर के मुख्य पुझारी कोन है


लेकिन आगे रहता हुआ कैसे-कैसे छोटे से बच्चे के ऊपर इतने बड़े मंदिर का कार्यभार डाला गया। आज की इस वीडियो में हम इसी बारे में जानकारी प्राप्त करेंगे ली होगी ली ली होगी ली होगी कि कैसे बड़े-बड़े वीआईपी लोगों की उपस्थिति में राम जन्मभूमि पर अयोध्या राम मंदिर बना और उसका उद्घाटन भी हो गया। अब जाहिर सी बात है कि मंदिर इतना भव्य है तो यहां पर पूजा पाठ करने वाले पुजारी कोई नाम थोड़ी ना हो सकते हैं इसीलिए तो के लिए पिछले 1 साल से भर्ती प्रक्रिया चल रही है


जिसमें करीब 3000 पंडित रामलला के मंदिर 3000 पंडित रामलला के मंदिर के पुजारी पद को हासिल करने के लिए कठिन परीक्षा और इंटरव्यू दे चुके हैं, लेकिन लोगों को हैरानी तब हुई जब उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में रहने वाले 22 वर्षीय मोहित पांडे को अयोध्या राम मंदिर के मुख्य पुजारी के रूप में चुन लिया गया। ऐसे में


हर कोई हैरान है कि इतनी छोटी उम्र के लड़के को मुख्य पुजारी कैसे चुना गया। ऐसी कौन सी खासियत है जो बड़े-बड़े ज्ञानी पंडितों में पंडितों में नहीं है क्योंकि राम जन्मभूमि में स्थापित हुई रामलला की मूर्ति की सेवा कर। कोई आसान काम नहीं है। हालांकि पिछले कई सालों से आचार्य सत्येंद्र दास पूरी निष्ठा के साथ इस जिम्मेदारी 


को निभा रहे हैं। इन्होंने अपना जीवन राम लला की सेवा में समर्पित कर दिया है। जब साल 1992 में राम मंदिर और बाबरी मस्जिद को लेकर विवाद चल रहा था। तभी आचार्य सत्येंद्र दास को राम जन्मभूमि मंदिर के मुख्य पुजारी के रूप में नियुक्त 


किया गया था। तब से लेकर आज तक आचार्य जी अपने कर्तव्य को पूरी निष्ठा के साथ में। मंदिर मंदिर मंदिर में मंदिर में में भी शुरुआत में आचार्य सत्येंद्र दास ही प्रधान पुजारी के रूप में भगवान श्री राम की सेवा जी की उम्र करीब 83 साल की हो गई साल 


की हो गई है जिसके कारण उन्होंने उत्तर प्रदेश सरकार से मंदिर के मुख्य पुजारी के रूप में अपना उत्तराधिकारी चुनने की बात रखी थी ताकि वह नए पुजारी को पूजना से जुड़े सभी नियमों और प्रणालियां सिखा सके। कारण है कि साल 2023 से ही उत्तर प्रदेश प्रदेश सरकार ने राम मंदिर पुजारी की 


भूमिका के लिए जिसमें भाग लेने वाले 3000 पंडितों में से 22 वर्षीय मोहित पांडे को 22 वर्षीय मोहित पांडे को मुख्य पुजारी के रूप में चुना गया। असल में मंदिर के मुख्य पुजारी के रूप में आवेदन करने वालों के लिए कुछ खास क्राइटेरिया सेट 20 से 30 साल के बीच होनी 20 से 30 साल के बीच होनी चाहिए। पारंपरिक 


गुरुकुल और आवेदक श्री राम नंदिनी। भर्ती भर्ती भर्ती भर्ती प्रक्रिया भर्ती प्रक्रिया में कई सारे पंडितों ने आवेदन किया था योग्यता के आधार पर 200 उम्मीदवारों का इंटरव्यू किया इंटरव्यू किया गया, जिसमें मोहित पांडे का नाम शामिल था। अब आप अंदाजा लगा लीजिए। जिस मंदिर के बनने का इंतजार देश की जनता तारों से कर 


रही थी उसके खासतौर पर इंटरव्यू में क्या पूछा गया होगा क्योंकि खासतौर पर इंटरव्यू पैनल में रावण के प्रसिद्ध हिंदू प्रदेश, और अयोध्या के दो महान। नारायण नारायण दास नारायण दास नारायण दास शामिल थे जिन्हें वेदों से लेकर पुराणों तक हर एक चीज का ज्ञान था। सभी उम्मीदवारों का इंटरव्यू अयोध्या के विश्व हिंदू 


परिषद के मुख्यालय कारसेवक पुरम में लिया जाना था। अब आप सोच रहे होंगे काफी लंबे समय तक चले इंटरव्यू में श्री राम मंदिर तीर्थ ट्रस्ट के पैनल में उम्मीदवारों से कौन-कौन से सवाल किए गए होंगे तो आपको बता दें कि इंटरव्यू के दौरान राम लला की पूजा-अर्चना से जुड़े कई सवाल पूछे गए थे जैसे कि रामा नंदिनी परंपरा 


किया है। संध्या वंदन क्या है, इसकी विधि क्या है? मंत्र क्या है इसके लिए कर्मकांड क्या है और भगवान श्री राम की पूजा के लिए कौन कौन से मंत्र है। दोस्तों यह सवाल बहुत ही ज्यादा महत्वपूर्ण है क्योंकि राम मंदिर की सेवा सत्येंद्र दास का उत्तराधिकारी पर। 


बड़ी जिम्मेदारी है मुख्य पुजारी को भगवान श्रीराम ही नहीं बल्कि वेदों पुराणों और हिंदू देवी देवताओं से जुड़ी सारी जानकारी होना बहुत आवश्यक है। यही कारण है कि योग्य पंडितों को उनके ज्ञान और अनुशासन के आधार पर खोजा गया। इस इंटरव्यू में मेरिट लिस्ट बनाई गई जिसमें 200 में से 21 पुजारियों का चयन किया गया। जिसमें एक मुख्य 


पुजारी और 20 सहायक पुजारी के रूप में चुने गए और इन सभी में सबसे ज्यादा चर्चित नाम था। मोहित पांडे का क्योंकि इस 22 वर्षीय युवक ने मुख्य पुजारी बनने की रेस में बड़े-बड़े विद्वान पंडितों को पछाड़ ना केवल पैनल बल्कि आचार्य सत्येंद्र दास जी को भी मोहित काफी पसंद आ गया तो तो मोहित के सबसे खास बात यह है कि जिस 10 साल की 


उम्र में बाकी बच्चे खेलकूद में लगे होते हैं वाह इतनी छोटी उम्र से ही मोहित ने रामायण महाभारत और वेदों पुराणों को पढ़ना शुरू कर दिया था। इन्होंने दूधेश्वर नाथ वेद विद्यापीठ से अपनी। ग्रहण की है। इसके बाद वह आचार्य की पढ़ाई के लिए तिरुपति चले गए। फिर छोटी सी उम्र में आचार्य बनने के बाद मोहित पांडे नहीं 


पंडिताई में पीएचडी की पढ़ाई भी शुरू कर दी और साथ ही अयोध्या राम मंदिर में पुजारी बनने का अवसर देख तुरंत आवेदन कर दिया और अपने ज्ञान व अनुशासन और श्रद्धा के बल पर मोहित ने इस कठिन परीक्षा में अव्वल दर्जा हासिल किया और सभी महंत और पुजारियों को खुश कर दिया। मोहित का जीवन बाकी 


लोगों से बहुत अलग है। इनके दिन की शुरुआत सूरज उगने से पहले। सो जाती है पर उसे यह नहा धोकर तुरंत पूजा-पाठ में लग जाते हैं जिसके बाद वह पढ़ाई करना शुरू करते हैं। इन्हें वेद और पुराणों के बारे में जानना है। इतना पसंद है कि कई घंटे तक ही की जगह पर बैठकर अब याद करते रहते हैं। मोहित का जीवन बहुत 


सादगी से भरा हुआ है। यह सादा भोजन खाते हैं। शादी वस्त्र पहनते हैं। हमेशा लगाते हैं और रोजाना घंटों ध्यान करते हैं। मोहित पांडे की शक्ल देखकर आप अंदाजा लगा सकते हैं कि यह दुनिया की मोह माया से दूर रहते हैं। इनके चेहरे पर हमेशा बीज बना रहता है। इनके दिन की शुरुआत राम-राम से होती है और दिन खत्म भी राम के नाम पर ही उसने सनातन 


धर्म और भगवान श्री राम के साथ-साथ वेदों पुराणों और सभी देवी देवताओं से जुड़ी जानकारियां प्राप्त है कि अभी भी रुके नहीं है। मैंने इससे भी ज्यादा ज्ञान हासिल करना और इन्हीं खूबियों की वजह से मोहित आज इतनी छोटी सी उम्र में अयोध्या राम मंदिर के मुख्य पुजारी के रूप में चुने हुए हैं। दिन-रात भगवान श्री राम की सेवा करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है

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